सिर्फ मतलबों के रिश्तेदार बनाये हमने हर बार अपनों ने ही नीचा दिखाया हम को। सिर्फ मतलबों के रिश्तेदार बनाये हमने हर बार अपनों ने ही नीचा दिखाया हम को।
या खुद अपनी मर्ज़ी से यह भगवान बिक रहा है। या खुद अपनी मर्ज़ी से यह भगवान बिक रहा है।
हर जगह मल का निकास और विकास करते हैं माफ करना दोस्तों पर मैं इस दौर से खुश नहीं हूँ। हर जगह मल का निकास और विकास करते हैं माफ करना दोस्तों पर मैं इस दौर से खुश नह...
ये हादसों का दौर है ये हादसों का दौर। गर ना हो जीवन में तो हादसों से,सबक लेगा कौन? ये हादसों का दौर है ये हादसों का दौर। गर ना हो जीवन में तो हादसों से,सब...
समाज के सम्पूर्ण विकास को, तभी सशक्त कर पायेंगे। जब हम सम्पूर्ण विकास को, सम्पूर्णत समाज के सम्पूर्ण विकास को, तभी सशक्त कर पायेंगे। जब हम सम्पूर्ण विकास को, ...
हरियाली ही हरियाली हो ... ऐसा अपना संसार हो ! हरियाली ही हरियाली हो ... ऐसा अपना संसार हो !